इसके संकलनकर्ता वल्लभदेव हैं तथा संकलनकाल १५वीं शताब्दी है। शाधिरपद्धति के समान ही यह भी सुभाषितसंग्रहों में सर्वाधिक लोकप्रिय तथा प्रचलित संकलन रहा है। संकलनकार वल्लभदेव स्वयं भी कवि थे। ‘सुभाषितावली’ में १०१ पद्धतियों में ३५२७ पद्य संकलित हैं तथा लगभग ३६० कवियों के मुक्तक इसमें हैं।