इस सुभाषितसंग्रह का संकलन जल्हण ने १३४२ वि.सं. (१२६ ई.) में किया। जल्हण लक्ष्मीधर के पुत्र थे और दक्षिण के राजा कृष्ण की राजसभा में रहे। गोयन कि ‘सूक्तिमुक्तावली’ १३३ पद्धतियों में विभाजित है, इसमें २७६० पद्य संकलित हैं तथा कुल २४० कवि उद्धृत हैं।