२२ अन्योक्तिस्तबक

अन्योक्तिस्तबक के रचयिता कवि वंशीधर मिश्र हैं, जिनका समय डा. राजेन्द्र मिश्र ने १६वीं शताब्दी का उत्तरार्ध अनुमानित किया है। इसकी पांडुलिपि का लेखनकालं १६७० ई. है, अतः कवि का समय सत्रहवीं शताब्दी का पूर्वार्ध भी संभावित है। डा. मिश्र के अनुसार कवि वंशीधर बघेलखंड के राजा रामचंद्र (१५५५-६२ ई.)के कृपापात्र रहे। तक अन्योक्तिस्तबक में कुल १०४ पद्य हैं, जिनमें प्रथम सात में प्रास्ताविक तथा अंतिम एक में उपसंहार है। शेष ६६ पद्यों में ६२ विविध विषयों पर अन्यापदेश हैं। इनमें किरात, निर्धन, कुंडुभ, नकुल, खंजन, गोमयकीट आदि विषय अन्योक्ति-परंपरा में नवीन हैं।