१३ सुन्दरपाण्ड्यकृत नीतिद्वाविंशिका

यह काव्य मदुरा के सुन्दरपाण्ड्य नामक कवि के द्वारा रचित बाईस नीति-पद्यों का संग्रह है। इसके रचनाकार का काल अज्ञात है। सुन्दरपाण्ड्य को मदुरा के राजा इसी नाम के राजा से अभिन्न भी कुछ विद्वान् मानते हैं, इस राजा का समय ७५० ई. के पूर्व है, क्योंकि ७५० ई. के अरिकेसरी के शिलालेख में उसका उल्लेख आया है। नीतिद्वाविंशिका के सभी पद्य आर्या में निबद्ध हैं तथा उनमें नीति और व्यवहार की शिक्षा दी गयी है। काव्यसौंदर्य तथा रसात्मक बोध की दृष्टि से यह अनुत्कृष्ट रचना है। IFREE TO