१२ यामुनाचार्य

यामुनाचार्य वैष्णवमत प्रवर्तक रामानुजाचार्य के गुरु थे। उनका समय विद्वानों ने ईसा की दशवीं शती निर्धारित की है। यामुनाचार्य धर्म उपदेशक के रूप में दक्षिण भारत में प्रतिष्ठापित रहे। आपका तमिल नाम ‘आल-बन्दार’ था और इसी नाम से आपका स्तोत्र ‘आलबन्दार’ (स्तोत्ररत्न) नाम से ज्ञात हुआ। श्रीस्तुति और चतुःश्लोकी इनके अन्य स्तुति काव्य हैं।