१० कुलशेखर

कुलशेखर त्रिवांकुर (केरल) राज्य के प्राचीन नरेश माने जाते हैं। वे बाद में वैष्णव सम्प्रदाय के संत बन गए थे। कुलशेखर नाम के एक से अधिक नरेश हुए हैं। इनमें से एक नाटककार थे, किन्तु वे अर्वाचीन हैं। मुकुन्दमाला के लेखक उनसे प्राचीन थे तथा वासुदेव व लीलाशुक किसी अन्य राजा के आश्रित थे। कुलशेखर का समय कुछ विद्वानों ने दशम शतक में माना है, तो कुछ ने सातवीं शताब्दी में।' कृष्णमाचारियर कुलशेखर का अभिजन केरल में मानते हैं। वहाँ इन्हें विष्णु का अवतार माना गया है। ये तपतीसंवरण तथा समुद्रधनञ्जय नाटकों के कर्ता राजा कुलशेखर (दशमशती विक्रम) से भिन्न तथा उनसे पूर्ववर्ती हैं। २