विश्वास-प्रस्तुतिः - १३१
ऒऴुक्कम् विऴुप्पन् दरलाऩ् ऒऴुक्कम्
उयिरिऩुम् ओम्बप् पडुम्। १३१
श्री-राम-देशिकः - १३१
सदाचारो मनुष्याणां सर्वश्रेयांसि यच्छति ।
प्राणेभ्योऽपि सदाचारः श्रेष्ठ इत्येव पालयेत् ॥ १३१॥
NVK Ashraf choice (en) - १३१
०१३१
Discipline is more precious than life itself,
For it is discipline that confers eminence. *
(C. Rajagopalachari), (G. Vanmikanathan)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३१
131. oḻukkam viḻuppam taralāṉ, oḻukkam
uyiriṉum ōmpappaṭum.
131. Right conduct exalts one. So it should be prized above one’s life.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३१
1. ஒழுக்கம் விழுப்பம் தரலான் ஒழுக்கம்
உயிரினும் ஓம்பப் படும்
Decorum does one dignity
More than life guard its purity. 131
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३१
131
सदाचार-संपन्नता, देती सब को श्रेय ।
तब तो प्राणों से अधिक, रक्षणीय वह ज्ञेय ॥
श्रीनिवास (क) - १३१
- नडॆतॆये ऎल्लरिगू मेल्मॆयन्नु तरुवुदरिन्द, अदन्नु(नडतॆयन्नु) प्राणक्किन्त मेलागि कापाडिकॊळ्ळबेकु.
मूलम् - १३१
ऒऴुक्कम् विऴुप्पन् दरलाऩ् ऒऴुक्कम्
उयिरिऩुम् ओम्बप् पडुम्। १३१
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३२
परिन्दोम्बिक् काक्क ऒऴुक्कम् तॆरिन्दोम्बित्
तेरिऩुम् अह्दे तुणै। १३२
श्री-राम-देशिकः - १३२
प्रेम्णा परिश्रमेणापि सदाचारं तु पालयेत् ।
सर्वधर्मे सदाचारः श्रेष्ठो जीवितसाह्यादः ॥ १३२॥
NVK Ashraf choice (en) - १३२
०१३२
Strive and preserve good conduct;
By any reckoning, you will find it your sole companion. *
(J. Narayanaswamy)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३२
132. parintu ōmpik kākka, oḻukkam-terintu ōmpit
tēriṉum, aḵtē tuṇai!.
132. Strive hard to walk in the right path. One finds in it one’s surest ally.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३२
2. பரிந்தோம்பிக் காக்க ஒழுக்கம் தெரிந்தோம்பித்
தேரினும் அஃதே துணை
Virtues of conduct all excel;
The soul aid should be guarded well. 132
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३२
132
सदाचार को यत्न से, रखना सहित विवेक ।
अनुशीलन से पायगा, वही सहायक एक ॥
श्रीनिवास (क) - १३२
- कष्टपट्टादरू नडतॆयन्नु कादुकॊळ्ळबेकु; हलवु शास्त्रगळन्नु शोधिसि तिळिदुकॊण्डरू अदे बाळिन आधारवॆन्दु अरिवागुवुदु.
मूलम् - १३२
परिन्दोम्बिक् काक्क ऒऴुक्कम् तॆरिन्दोम्बित्
तेरिऩुम् अह्दे तुणै। १३२
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३३
ऒऴुक्कम् उडैमै कुडिमै इऴुक्कम्
इऴिन्द पिऱप्पाय् विडुम्। १३३
श्री-राम-देशिकः - १३३
यः सदाचारसम्पन्नः स कुलीन इतीर्यते ।
यः सदाचाररहितस्त्वकुलीनः स गण्यते ॥ १३३॥
NVK Ashraf choice (en) - १३३
०१३३
Propriety of conduct is great birth,
And impropriety will sink into a mean birth. *
(W.H. Drew and J. Lazarus)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३३
133. oḻukkam uṭaimai kuṭimai; iḻukkam
iḻinta piṟappāyviṭum.
133. Right conduct ennobles one’s family. Bad conduct makes one sink in the scale.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३३
3. ஒழுக்கம் உடமை குடிமை இழுக்கம்
இழிந்த பிறப்பாய் விடும்
Good conduct shows good family
Low manners mark anomaly. 133
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३३
133
सदाचार-संपन्नता, है कुलीनता जान ।
चूके यदि आचार से, नीच जन्म है मान ॥
श्रीनिवास (क) - १३३
- ऒळ्ळॆय नडतॆयन्नु हॊन्दिरुवुदे सत्कुल सम्पन्नतॆ; कॆट्ट नडतॆ कीळु हुट्टिगॆ कारणवागुवुदु.
मूलम् - १३३
ऒऴुक्कम् उडैमै कुडिमै इऴुक्कम्
इऴिन्द पिऱप्पाय् विडुम्। १३३
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३४
मऱप्पिऩुम् ओत्तुक् कॊळलागुम् पार् प्पाऩ्
पिऱप्पॊऴुक्कङ् गुऩ्ऱक् कॆडुम्। १३४
श्री-राम-देशिकः - १३४
अधीतविस्मृतं वेदं प्राप्नोति पठनात् पुनः ।
विप्रो नषकुलाचारः पुनर्नाप्नोति विप्रताम् ॥ १३४॥
NVK Ashraf choice (en) - १३४
०१३४
Scriptures forgot can be recapitulated;
Bad conduct debases a Brahmin and his birth. *
(P.S. Sundaram), (J. Narayanaswamy)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३४
134. maṟappiṉum, ottuk koḷal ākum; pārppāṉ
piṟappu oḻukkam kuṉṟak keṭum.
134. The Brahman may learn anew the Vedas which he forgot. If he were to fall from his estate he would be lost.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३४
4. மறப்பினும் ஒத்துக் கொளலாகும் பார்ப்பான்
பிறப்பொழுக்கங் குன்றக் கெடும்
Readers recall forgotten lore,
But conduct lost returns no more. 134
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३४
134
संभव है फिर अध्ययन, भूल गया यदि वेद ।
आचारच्युत विप्र के, होगा कुल का छेद ॥
श्रीनिवास (क) - १३४
- ब्राह्मणनादवनु कलित वेदगळन्नु मुरॆतरॆ मत्तॆ ओदि कलितुकॊळ्ळबहुदु. आदरॆ कुल भूषणवाद नडतॆ किट्टल्लि अवन हुट्टु कॆडुत्तदॆ.
मूलम् - १३४
मऱप्पिऩुम् ओत्तुक् कॊळलागुम् पार् प्पाऩ्
पिऱप्पॊऴुक्कङ् गुऩ्ऱक् कॆडुम्। १३४
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३५
अऴुक्का ऱुडैयाऩ्कण् आक्कम्बोऩ्ऱु इल्लै
ऒऴुक्क मिलाऩ्कण् उयर्वु। १३५
श्री-राम-देशिकः - १३५
असूयाविष्टमनुजो यथा वित्तं न विन्दति ।
तथा कुलाचारहीनो लभते न समुन्नतिम् ॥ १३५॥
NVK Ashraf choice (en) - १३५
०१३५
Just as jealousy can’t lead to prosperity,
So also impropriety to greatness. *
(K. Krishnaswamy & Vijaya Ramkumar)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३५
135. aḻukkāṟu uṭaiyāṉkaṇ ākkam pōṉṟu illai-
oḻukkam ilāṉkaṇ uyarvu.
135. The envious do not prosper; likewise one straying from the right path does not advance.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३५
5. அழுக்கா றுடையான்கண் ஆக்கம்போன்று இல்லை
ஒழுக்க மிலான்கண் உயர்வு
The envious prosper but ill
The ill-behaved sinks lower still. 135
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३५
135
धन की ज्यों ईर्ष्यालु के, होती नहीं समृद्धि ।
आचारहीन की नहीं, कुलीनता की वृद्धि ॥
श्रीनिवास (क) - १३५
- असूयापरनिगॆ ऐश्वर्यविल्लदिरुव हागॆ नडतॆ इल्लदवनिगॆ उन्नतियू इल्ल.
मूलम् - १३५
अऴुक्का ऱुडैयाऩ्कण् आक्कम्बोऩ्ऱु इल्लै
ऒऴुक्क मिलाऩ्कण् उयर्वु। १३५
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३६
ऒऴुक्कत्तिऩ् ऒल्गार् उरवोर् इऴुक्कत्तिऩ्
एदम् पडुबाक् कऱिन्दु। १३६
श्री-राम-देशिकः - १३६
धीराः सदाचारहानात् दृष्ट्वा नीचकुलोद्भवम् ।
न मुञ्चन्ति सदाचारं दुस्साधमपि सर्वदा ॥ १३६॥
NVK Ashraf choice (en) - १३६
०१३६
The strong-willed do not shrink from right conduct;
They know its breach will spell ruin. *
(S.M. Diaz)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३६
136. oḻukkattiṉ olkār uravōr-iḻukkattiṉ
ētam paṭupākku aṟintu.
136. The strong of mind will not shrink from virtue; for they know that any deviation is wrought with dire consequences.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३६
6. ஒழுக்கத்தின் ஒல்கார் உரவோர் இழுக்கத்தின்
ஏதம் படுபாக் கறிந்து
The firm from virtue falter not
They know the ills of evil thought. 136
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३६
136
सदाचार दुष्कर समझ, धीर न खींचे हाथ ।
परिभव जो हो जान कर, उसकी च्युति के साथ ॥
श्रीनिवास (क) - १३६
- कॆट्टनडतॆयिन्द केडुण्टागुवुदन्नरितु, दृढमनस्कराद ज्ञानिगळु धर्ममार्गदिन्द हिन्दॆगॆयुवुदिल्ल
मूलम् - १३६
ऒऴुक्कत्तिऩ् ऒल्गार् उरवोर् इऴुक्कत्तिऩ्
एदम् पडुबाक् कऱिन्दु। १३६
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३७
ऒऴुक्कत्तिऩ् ऎय्दुवर् मेऩ्मै इऴुक्कत्तिऩ्
ऎय्दुवर् ऎय्दाप् पऴि। १३७
श्री-राम-देशिकः - १३७
सदाचारेण सर्वेऽपि लभन्ते परमं यशः ।
सदाचारपरित्यागादपवादो मुधा भवेत् ॥ १३७॥
NVK Ashraf choice (en) - १३७
०१३७
Right conduct exalts one, while a bad name
Exposes one to undeserved disgrace.
(P.S. Sundaram)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३७
137. oḻukkattiṉ eytuvar, mēṉmai; iḻukkattiṉ
eytuvar, eytāp paḻi.
137. Men of right conduct are crowned with glory. Men of evil ways are covered with disgrace.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३७
7. ஒழுக்கத்தின் எய்துவர் மேன்மை இழுக்கத்தின்
எய்துவர் எய்தாப் பழி
Conduct good ennobles man,
Bad conduct entails disgrace mean. 137
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३७
137
सदाचार से ही रही, महा कीर्ति की प्राप्ति ।
उसकी च्युति से तो रही, आति निन्दा की प्राप्ति ॥
श्रीनिवास (क) - १३७
- उत्तम नडवळिकॆयिन्द मेल्मॆयन्नु हॊन्दुवरु; कीळु नडवळिकॆयिन्द हॊन्दबारद निन्दॆगॆ गुरियागुवरु
मूलम् - १३७
ऒऴुक्कत्तिऩ् ऎय्दुवर् मेऩ्मै इऴुक्कत्तिऩ्
ऎय्दुवर् ऎय्दाप् पऴि। १३७
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३८
नऩ्ऱिक्कु वित्तागुम् नल्लॊऴुक्कम् तीयॊऴुक्कम्
ऎऩ्ऱुम् इडुम्बै तरुम्। १३८
श्री-राम-देशिकः - १३८
उपयोर्लौकयोः सौख्यं सदाचारेण जायते ।
तथा दुःख दुराचारात् प्राप्यते लोकयोर्द्वयोः ॥ १३८॥
NVK Ashraf choice (en) - १३८
०१३८
Good conduct sows good,
And from bad springs eternal trouble.
(P.S. Sundaram)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३८
138. naṉṟikku vittu ākum nal oḻukkam; tī oḻukkam
eṉṟum iṭumpai tarum.
138. Good conduct is the spring of happiness. Bad conduct leads one ever to misery.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३८
8. நன்றிக்கு வித்தாகும் நல்லொழுக்கம் தீயொழுக்கம்
என்றும் இடும்பை தரும்
Good conduct sows seeds of blessings
Bad conduct endless evil brings. 138
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३८
138
सदाचार के बीज से, होता सुख उत्पन्न ।
कदाचार से ही सदा, होता मनुज विपन्न ॥
श्रीनिवास (क) - १३८
- उत्तमवाद नडवळिकॆ सुखद बाळिगॆ अङ्कुरवागुवुदु; कीळु नडवळिकॆ ऎन्दिगू व्यसनवन्नु तरुत्तदॆ
मूलम् - १३८
नऩ्ऱिक्कु वित्तागुम् नल्लॊऴुक्कम् तीयॊऴुक्कम्
ऎऩ्ऱुम् इडुम्बै तरुम्। १३८
विश्वास-प्रस्तुतिः - १३९
ऒऴुक्क मुडैयवर्क्कु ऒल्लावे तीय
वऴुक्कियुम् वायाऱ् सॊलल्। १३९
श्री-राम-देशिकः - १३९
दोषयुक्तानि वाक्यानि विस्मृत्यापि प्रमादतः ।
तेषां मुखान्न निर्यान्ति ये सदाचारशालिनः ॥ १३९॥
NVK Ashraf choice (en) - १३९
०१३९
Men of good conduct cannot speak ill
Even by a slip of tongue.
(P.S. Sundaram), (J. Narayanaswamy)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३९
139. oḻukkam uṭaiyavarkku ollāvē-tīya
vaḻukkiyum, vāyāl colal.
139. It is difficult for a man of right conduct to utter evil words even in a forgetful mood.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १३९
9. ஒழுக்க முடையவர்க்கு ஒல்லாவே தீய
வழுக்கியும் வாயாற் சொலல்
Foul words will never fall from lips
Of righteous men even by slips. 139
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३९
139
सदाचारयुत लोग तो, मुख से कर भी भूल ।
कहने को असमर्थ हैं, बुरे वचन प्रतिकूल ॥
श्रीनिवास (क) - १३९
- उत्तम नडॆवळिकॆयुळ्ळवरु मरॆतू कॆट्ट नुडिगळन्नु बायिन्द आडलु असमर्थरागुत्तारॆ.
मूलम् - १३९
ऒऴुक्क मुडैयवर्क्कु ऒल्लावे तीय
वऴुक्कियुम् वायाऱ् सॊलल्। १३९
विश्वास-प्रस्तुतिः - १४०
उलगत्तोडु ऒट्ट ऒऴुगल् पलगऱ्ऱुम्
कल्लार् अऱिविला तार्। १४०
श्री-राम-देशिकः - १४०
ये तु नैव प्रवर्तन्ते कालदेशानुसारतः ।
अधीतेष्वपि शास्त्रेषु ज्ञानिनो न भवन्ति ते ॥ १४०॥
NVK Ashraf choice (en) - १४०
०१४०
Those are fools, however learned,
Who have not learnt to walk with the world.
(P.S. Sundaram)
NVK Ashraf notes (en) - १४०
१४०. Compare with ४२६. “It is a part of wisdom to conform to the ways of the world” - (V.V.S. Aiyar)
रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १४०
140. ulakattōṭu oṭṭa oḻukal, pala kaṟṟum,
kallār aṟivilātār.
140. Those who cannot move in harmony with the world are learned fools.
शुद्धानन्द-भारती (en) - १४०
10. உலகத்தோடு ஒட்ட ஒழுகல் பலகற்றும்
கல்லார் அறிவிலா தார்
Though read much they are ignorant
Whose life is not world-accordant. 140
वेङ्कटकृष्ण (हि) - १४०
140
जिनको लोकाचार की, अनुगति का नहिं ज्ञान ।
ज्ञाता हों सब शास्त्र के, जानों उन्हें अजान ॥
श्रीनिवास (क) - १४०
- लोकदॊन्दिगॆ समरसवागि बाळदवरु, हलवन्नु कलितू अज्ञानिगळन्तॆ इरुत्तारॆ
मूलम् - १४०
उलगत्तोडु ऒट्ट ऒऴुगल् पलगऱ्ऱुम्
कल्लार् अऱिविला तार्। १४०