१० ऒऴुक्कमुडैमै

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३१

ऒऴुक्कम् विऴुप्पन् दरलाऩ् ऒऴुक्कम्
उयिरिऩुम् ओम्बप् पडुम्। १३१

श्री-राम-देशिकः - १३१

सदाचारो मनुष्याणां सर्वश्रेयांसि यच्छति ।
प्राणेभ्योऽपि सदाचारः श्रेष्ठ इत्येव पालयेत् ॥ १३१॥

NVK Ashraf choice (en) - १३१

०१३१
Discipline is more precious than life itself,
For it is discipline that confers eminence. *
(C. Rajagopalachari), (G. Vanmikanathan)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३१

131. oḻukkam viḻuppam taralāṉ, oḻukkam
uyiriṉum ōmpappaṭum.

131. Right conduct exalts one. So it should be prized above one’s life.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३१

1. ஒழுக்கம் விழுப்பம் தரலான் ஒழுக்கம்
உயிரினும் ஓம்பப் படும்
Decorum does one dignity
More than life guard its purity. 131

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३१

131 सदाचार-संपन्नता, देती सब को श्रेय ।
तब तो प्राणों से अधिक, रक्षणीय वह ज्ञेय ॥

श्रीनिवास (क) - १३१
  1. नडॆतॆये ऎल्लरिगू मेल्मॆयन्नु तरुवुदरिन्द, अदन्नु(नडतॆयन्नु) प्राणक्किन्त मेलागि कापाडिकॊळ्ळबेकु.
मूलम् - १३१

ऒऴुक्कम् विऴुप्पन् दरलाऩ् ऒऴुक्कम्
उयिरिऩुम् ओम्बप् पडुम्। १३१

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३२

परिन्दोम्बिक् काक्क ऒऴुक्कम् तॆरिन्दोम्बित्
तेरिऩुम् अह्दे तुणै। १३२

श्री-राम-देशिकः - १३२

प्रेम्णा परिश्रमेणापि सदाचारं तु पालयेत् ।
सर्वधर्मे सदाचारः श्रेष्ठो जीवितसाह्यादः ॥ १३२॥

NVK Ashraf choice (en) - १३२

०१३२
Strive and preserve good conduct;
By any reckoning, you will find it your sole companion. *
(J. Narayanaswamy)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३२

132. parintu ōmpik kākka, oḻukkam-terintu ōmpit
tēriṉum, aḵtē tuṇai!.

132. Strive hard to walk in the right path. One finds in it one’s surest ally.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३२

2. பரிந்தோம்பிக் காக்க ஒழுக்கம் தெரிந்தோம்பித்
தேரினும் அஃதே துணை
Virtues of conduct all excel;
The soul aid should be guarded well. 132

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३२

132 सदाचार को यत्न से, रखना सहित विवेक ।
अनुशीलन से पायगा, वही सहायक एक ॥

श्रीनिवास (क) - १३२
  1. कष्टपट्टादरू नडतॆयन्नु कादुकॊळ्ळबेकु; हलवु शास्त्रगळन्नु शोधिसि तिळिदुकॊण्डरू अदे बाळिन आधारवॆन्दु अरिवागुवुदु.
मूलम् - १३२

परिन्दोम्बिक् काक्क ऒऴुक्कम् तॆरिन्दोम्बित्
तेरिऩुम् अह्दे तुणै। १३२

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३३

ऒऴुक्कम् उडैमै कुडिमै इऴुक्कम्
इऴिन्द पिऱप्पाय् विडुम्। १३३

श्री-राम-देशिकः - १३३

यः सदाचारसम्पन्नः स कुलीन इतीर्यते ।
यः सदाचाररहितस्त्वकुलीनः स गण्यते ॥ १३३॥

NVK Ashraf choice (en) - १३३

०१३३
Propriety of conduct is great birth,
And impropriety will sink into a mean birth. *
(W.H. Drew and J. Lazarus)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३३

133. oḻukkam uṭaimai kuṭimai; iḻukkam
iḻinta piṟappāyviṭum.

133. Right conduct ennobles one’s family. Bad conduct makes one sink in the scale.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३३

3. ஒழுக்கம் உடமை குடிமை இழுக்கம்
இழிந்த பிறப்பாய் விடும்
Good conduct shows good family
Low manners mark anomaly. 133

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३३

133 सदाचार-संपन्नता, है कुलीनता जान ।
चूके यदि आचार से, नीच जन्म है मान ॥

श्रीनिवास (क) - १३३
  1. ऒळ्ळॆय नडतॆयन्नु हॊन्दिरुवुदे सत्कुल सम्पन्नतॆ; कॆट्ट नडतॆ कीळु हुट्टिगॆ कारणवागुवुदु.
मूलम् - १३३

ऒऴुक्कम् उडैमै कुडिमै इऴुक्कम्
इऴिन्द पिऱप्पाय् विडुम्। १३३

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३४

मऱप्पिऩुम् ओत्तुक् कॊळलागुम् पार् प्पाऩ्
पिऱप्पॊऴुक्कङ् गुऩ्ऱक् कॆडुम्। १३४

श्री-राम-देशिकः - १३४

अधीतविस्मृतं वेदं प्राप्नोति पठनात् पुनः ।
विप्रो नषकुलाचारः पुनर्नाप्नोति विप्रताम् ॥ १३४॥

NVK Ashraf choice (en) - १३४

०१३४
Scriptures forgot can be recapitulated;
Bad conduct debases a Brahmin and his birth. *
(P.S. Sundaram), (J. Narayanaswamy)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३४

134. maṟappiṉum, ottuk koḷal ākum; pārppāṉ
piṟappu oḻukkam kuṉṟak keṭum.

134. The Brahman may learn anew the Vedas which he forgot. If he were to fall from his estate he would be lost.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३४

4. மறப்பினும் ஒத்துக் கொளலாகும் பார்ப்பான்
பிறப்பொழுக்கங் குன்றக் கெடும்
Readers recall forgotten lore,
But conduct lost returns no more. 134

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३४

134 संभव है फिर अध्ययन, भूल गया यदि वेद ।
आचारच्युत विप्र के, होगा कुल का छेद ॥

श्रीनिवास (क) - १३४
  1. ब्राह्मणनादवनु कलित वेदगळन्नु मुरॆतरॆ मत्तॆ ओदि कलितुकॊळ्ळबहुदु. आदरॆ कुल भूषणवाद नडतॆ किट्टल्लि अवन हुट्टु कॆडुत्तदॆ.
मूलम् - १३४

मऱप्पिऩुम् ओत्तुक् कॊळलागुम् पार् प्पाऩ्
पिऱप्पॊऴुक्कङ् गुऩ्ऱक् कॆडुम्। १३४

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३५

अऴुक्का ऱुडैयाऩ्कण् आक्कम्बोऩ्ऱु इल्लै
ऒऴुक्क मिलाऩ्कण् उयर्वु। १३५

श्री-राम-देशिकः - १३५

असूयाविष्टमनुजो यथा वित्तं न विन्दति ।
तथा कुलाचारहीनो लभते न समुन्नतिम् ॥ १३५॥

NVK Ashraf choice (en) - १३५

०१३५
Just as jealousy can’t lead to prosperity,
So also impropriety to greatness. *
(K. Krishnaswamy & Vijaya Ramkumar)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३५

135. aḻukkāṟu uṭaiyāṉkaṇ ākkam pōṉṟu illai-
oḻukkam ilāṉkaṇ uyarvu.

135. The envious do not prosper; likewise one straying from the right path does not advance.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३५

5. அழுக்கா றுடையான்கண் ஆக்கம்போன்று இல்லை
ஒழுக்க மிலான்கண் உயர்வு
The envious prosper but ill
The ill-behaved sinks lower still. 135

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३५

135 धन की ज्यों ईर्ष्यालु के, होती नहीं समृद्धि ।
आचारहीन की नहीं, कुलीनता की वृद्धि ॥

श्रीनिवास (क) - १३५
  1. असूयापरनिगॆ ऐश्वर्यविल्लदिरुव हागॆ नडतॆ इल्लदवनिगॆ उन्नतियू इल्ल.
मूलम् - १३५

अऴुक्का ऱुडैयाऩ्कण् आक्कम्बोऩ्ऱु इल्लै
ऒऴुक्क मिलाऩ्कण् उयर्वु। १३५

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३६

ऒऴुक्कत्तिऩ् ऒल्गार् उरवोर् इऴुक्कत्तिऩ्
एदम् पडुबाक् कऱिन्दु। १३६

श्री-राम-देशिकः - १३६

धीराः सदाचारहानात् दृष्ट्वा नीचकुलोद्भवम् ।
न मुञ्चन्ति सदाचारं दुस्साधमपि सर्वदा ॥ १३६॥

NVK Ashraf choice (en) - १३६

०१३६
The strong-willed do not shrink from right conduct;
They know its breach will spell ruin. *
(S.M. Diaz)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३६

136. oḻukkattiṉ olkār uravōr-iḻukkattiṉ
ētam paṭupākku aṟintu.

136. The strong of mind will not shrink from virtue; for they know that any deviation is wrought with dire consequences.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३६

6. ஒழுக்கத்தின் ஒல்கார் உரவோர் இழுக்கத்தின்
ஏதம் படுபாக் கறிந்து
The firm from virtue falter not
They know the ills of evil thought. 136

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३६

136 सदाचार दुष्कर समझ, धीर न खींचे हाथ ।
परिभव जो हो जान कर, उसकी च्युति के साथ ॥

श्रीनिवास (क) - १३६
  1. कॆट्टनडतॆयिन्द केडुण्टागुवुदन्नरितु, दृढमनस्कराद ज्ञानिगळु धर्ममार्गदिन्द हिन्दॆगॆयुवुदिल्ल
मूलम् - १३६

ऒऴुक्कत्तिऩ् ऒल्गार् उरवोर् इऴुक्कत्तिऩ्
एदम् पडुबाक् कऱिन्दु। १३६

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३७

ऒऴुक्कत्तिऩ् ऎय्दुवर् मेऩ्मै इऴुक्कत्तिऩ्
ऎय्दुवर् ऎय्दाप् पऴि। १३७

श्री-राम-देशिकः - १३७

सदाचारेण सर्वेऽपि लभन्ते परमं यशः ।
सदाचारपरित्यागादपवादो मुधा भवेत् ॥ १३७॥

NVK Ashraf choice (en) - १३७

०१३७
Right conduct exalts one, while a bad name
Exposes one to undeserved disgrace.
(P.S. Sundaram)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३७

137. oḻukkattiṉ eytuvar, mēṉmai; iḻukkattiṉ
eytuvar, eytāp paḻi.

137. Men of right conduct are crowned with glory. Men of evil ways are covered with disgrace.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३७

7. ஒழுக்கத்தின் எய்துவர் மேன்மை இழுக்கத்தின்
எய்துவர் எய்தாப் பழி
Conduct good ennobles man,
Bad conduct entails disgrace mean. 137

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३७

137 सदाचार से ही रही, महा कीर्ति की प्राप्ति ।
उसकी च्युति से तो रही, आति निन्दा की प्राप्ति ॥

श्रीनिवास (क) - १३७
  1. उत्तम नडवळिकॆयिन्द मेल्मॆयन्नु हॊन्दुवरु; कीळु नडवळिकॆयिन्द हॊन्दबारद निन्दॆगॆ गुरियागुवरु
मूलम् - १३७

ऒऴुक्कत्तिऩ् ऎय्दुवर् मेऩ्मै इऴुक्कत्तिऩ्
ऎय्दुवर् ऎय्दाप् पऴि। १३७

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३८

नऩ्ऱिक्कु वित्तागुम् नल्लॊऴुक्कम् तीयॊऴुक्कम्
ऎऩ्ऱुम् इडुम्बै तरुम्। १३८

श्री-राम-देशिकः - १३८

उपयोर्लौकयोः सौख्यं सदाचारेण जायते ।
तथा दुःख दुराचारात् प्राप्यते लोकयोर्द्वयोः ॥ १३८॥

NVK Ashraf choice (en) - १३८

०१३८
Good conduct sows good,
And from bad springs eternal trouble.
(P.S. Sundaram)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३८

138. naṉṟikku vittu ākum nal oḻukkam; tī oḻukkam
eṉṟum iṭumpai tarum.

138. Good conduct is the spring of happiness. Bad conduct leads one ever to misery.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३८

8. நன்றிக்கு வித்தாகும் நல்லொழுக்கம் தீயொழுக்கம்
என்றும் இடும்பை தரும்
Good conduct sows seeds of blessings
Bad conduct endless evil brings. 138

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३८

138 सदाचार के बीज से, होता सुख उत्पन्न ।
कदाचार से ही सदा, होता मनुज विपन्न ॥

श्रीनिवास (क) - १३८
  1. उत्तमवाद नडवळिकॆ सुखद बाळिगॆ अङ्कुरवागुवुदु; कीळु नडवळिकॆ ऎन्दिगू व्यसनवन्नु तरुत्तदॆ
मूलम् - १३८

नऩ्ऱिक्कु वित्तागुम् नल्लॊऴुक्कम् तीयॊऴुक्कम्
ऎऩ्ऱुम् इडुम्बै तरुम्। १३८

विश्वास-प्रस्तुतिः - १३९

ऒऴुक्क मुडैयवर्क्कु ऒल्लावे तीय
वऴुक्कियुम् वायाऱ् सॊलल्। १३९

श्री-राम-देशिकः - १३९

दोषयुक्तानि वाक्यानि विस्मृत्यापि प्रमादतः ।
तेषां मुखान्न निर्यान्ति ये सदाचारशालिनः ॥ १३९॥

NVK Ashraf choice (en) - १३९

०१३९
Men of good conduct cannot speak ill
Even by a slip of tongue.
(P.S. Sundaram), (J. Narayanaswamy)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १३९

139. oḻukkam uṭaiyavarkku ollāvē-tīya
vaḻukkiyum, vāyāl colal.

139. It is difficult for a man of right conduct to utter evil words even in a forgetful mood.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १३९

9. ஒழுக்க முடையவர்க்கு ஒல்லாவே தீய
வழுக்கியும் வாயாற் சொலல்
Foul words will never fall from lips
Of righteous men even by slips. 139

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १३९

139 सदाचारयुत लोग तो, मुख से कर भी भूल ।
कहने को असमर्थ हैं, बुरे वचन प्रतिकूल ॥

श्रीनिवास (क) - १३९
  1. उत्तम नडॆवळिकॆयुळ्ळवरु मरॆतू कॆट्ट नुडिगळन्नु बायिन्द आडलु असमर्थरागुत्तारॆ.
मूलम् - १३९

ऒऴुक्क मुडैयवर्क्कु ऒल्लावे तीय
वऴुक्कियुम् वायाऱ् सॊलल्। १३९

विश्वास-प्रस्तुतिः - १४०

उलगत्तोडु ऒट्ट ऒऴुगल् पलगऱ्ऱुम्
कल्लार् अऱिविला तार्। १४०

श्री-राम-देशिकः - १४०

ये तु नैव प्रवर्तन्ते कालदेशानुसारतः ।
अधीतेष्वपि शास्त्रेषु ज्ञानिनो न भवन्ति ते ॥ १४०॥

NVK Ashraf choice (en) - १४०

०१४०
Those are fools, however learned,
Who have not learnt to walk with the world.
(P.S. Sundaram)

NVK Ashraf notes (en) - १४०

१४०. Compare with ४२६. “It is a part of wisdom to conform to the ways of the world” - (V.V.S. Aiyar)

रामचन्द्र-दीक्षितः (en) - १४०

140. ulakattōṭu oṭṭa oḻukal, pala kaṟṟum,
kallār aṟivilātār.

140. Those who cannot move in harmony with the world are learned fools.

शुद्धानन्द-भारती (en) - १४०

10. உலகத்தோடு ஒட்ட ஒழுகல் பலகற்றும்
கல்லார் அறிவிலா தார்
Though read much they are ignorant
Whose life is not world-accordant. 140

वेङ्कटकृष्ण (हि) - १४०

140 जिनको लोकाचार की, अनुगति का नहिं ज्ञान ।
ज्ञाता हों सब शास्त्र के, जानों उन्हें अजान ॥

श्रीनिवास (क) - १४०
  1. लोकदॊन्दिगॆ समरसवागि बाळदवरु, हलवन्नु कलितू अज्ञानिगळन्तॆ इरुत्तारॆ
मूलम् - १४०

उलगत्तोडु ऒट्ट ऒऴुगल् पलगऱ्ऱुम्
कल्लार् अऱिविला तार्। १४०