+कवितावली

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॥ ॐ श्रीपरमात्मने नमः॥
श्रीगोस्वामी तुलसीदासजीरचित
कवितावली
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देवदेव॥
अनुवादक— इन्द्रदेवनारायण
गीता सेवा ट्रस्ट