अनुवाद (हिन्दी)
पद, पद-संख्या
अ
अनुवाद (हिन्दी)
अजिर प्रभातहिं स्याम कौं, ३०
अति आनंद भए हरि धाए, २९३
अनत सुत! गोरस कौं कत जात?, २१२
अपनौं गाउँ लेउ नँदरानी, २०९
अब कैं राखि लेहु गोपाल, ३२५
अब घर काहू कैं जनि जाहु, २६७
अब ये झूठहु बोलत लोग, १९६
अहो नाथ! जेइ-जेइ सरन आए, १६८
आ
अनुवाद (हिन्दी)
आँगन मैं हरि सोइ गए री, १६४
आछौ दूध पियौ मेरे तात?, ३१६
आजु गृह नंद महर कैं बधाइ, १७
आजु तौ बधाइ बाजै, १८
आजु नंद के द्वारैं भीर, ९
आजु बधाई नंद कैं माईं, १६
आजु बधायौ नंदराइ कैं, ११
आजु बने बन तैं ब्रज आवत, ३०९
आजु भोर तमचुर के रोल, ४७
आजु मैं गाइ चरावन जेहौं, २८०
आजु सखी मनि-खंभ-निकट हरि, १८०
आजु सखी, हौं प्रात समय, १०७
आजु हरि धेनु चराए आवत , ३०८
आजु हो निसान बाजै, १४
आजु हो बधायौ बाजै, १५
आदि सनातन, हरि अबिनासी, १
आनँद-प्रेम उमंगि जसोदा, ७०
आनँद सौं दधि मथति जसोदा, ८४
आपु गए हरुएँ सूनैं घर, १८९
आवहु, कान्ह, साँझ की बेरिया, १६३
इ
अनुवाद (हिन्दी)
इन अँखियनि आगैं तैं मोहन, २००
उ
अनुवाद (हिन्दी)
उठीं सखी सब मंगल गाइ, ५
उठे नंद-लाल सुनत जननी मुख बानी, २९६
उठौ नँदलाल भयौ भिनुसार, १२९
ए
अनुवाद (हिन्दी)
एतौ कियौ कहा री मैया?, २५३
ऐ
अनुवाद (हिन्दी)
ऐसी रिस तोकौं नँदरानी, २५०
ऐसी रिस मैं जौ धरि पाऊँ, २२३
ऐसो हाल मेरैं घर कीन्हौ, २०६
ऐसौ हठी बाल गोबिंदा, ११६
क
अनुवाद (हिन्दी)
कजरी कौ पय पियहु लाल, १०३
कत हो कान्ह! काहु कैं जात, २०२
कनक-कटोरा प्रातहीं, ९५
कनक-रतन-मनि पालनौ, १९
कन्हैया! तू नहिं मोहि डरात, २१४
कन्हैया हालरु रे, २४
कन्हैया हालरौ हलरोइ, २६
कब के बाँधे ऊखल दाम, २४३
करत कान्ह ब्रज-घरनि अचगरी, २०७
कर पग गहि, अँगुठा मुख मेलत, २७
करहु कलेऊ कान्ह पियारे!, २९०
कल बल कै हरि आरि परे, ७८
कहत नंद जसुमति सौं बात, १७४
कहन लागीं अब बढ़ि-बढ़ि बात, २३७
कहन लागे मोहन मैया-मैया, ८८
कहा करौं हरि बहुत खिझाई, २५९
कहा भयौ जौ घर कैं लरिका, २३८
कहै जनि ग्वारिनि! झूठी बात, १९८
कहौ तौ माखन ल्यावैं घर तैं, २३६
काँधे कान्ह कमरिया कारी, ३०५
कान्ह चलत पग द्वै-द्वै धरनी, ६३
कान्ह सौं आवत क्योंऽब रिसात, २४८
काहे कौं कलह नाध्यौ, २५४
काहे कौं जसोदा मैया, त्रास्यौ तैं, २५५
काहे कौं हरि इतनौ त्रास्यौ, २५७
किलकत कान्ह घुटुरुवनि आवत, ५३
किहिं बिधि करि कान्हहि समुझैहौं?, ११३
कीजै पान लला रे यह लै, १४९
कुँवर जल लोचन भरि-भरि लेत, २३१
कोउ माई बोलि लेहु गोपालहि, १५५
कौन परी मेरे लालहि बानि, १३२
क्रीड़त प्रात समय दोउ बीर, ९४
ख
अनुवाद (हिन्दी)
खीझत जात माखन खात, ४९
खेलत कान्ह चले ग्वालनि सँग, २८३
खेलत नँद-आँगन गोबिंद, ४८
खेलत बनैं घोष निकास, १६१
खेलत मैं को काको गुसैयाँ, १६२
खेलत स्याम ग्वालनि संग, १३५
खेलत स्याम पौरि कैं बाहर, १७०
खेलन अब मेरी जाइ बलैया, १३९
खेलन कौं हरि दूरि गयौ री, १४१
खेलन चलौ बाल गोबिंद!, १४०
खेलन जाहु बाल सब टेरत, १६०
खेलन दूरि जात कत कान्हा?, १४२
ग
अनुवाद (हिन्दी)
गए स्याम ग्वालिनि-घर सूनैं, २०५
गए स्याम तिहि ग्वालिनि कैं घर, १७८
गहे अँगुरिया ललन की, ६२
गैयनि घेरि सखा सब ल्याए, ३०१
गोकुल प्रगट भए हरि आइ, ४
गोद खिलावति कान्ह सुनी, ८७
गोद लिए हरि कौं नँदरानी, ३७
गोपाल दुरे हैं माखन खात, १९०
गोपाल राइ चरननि हौं काटी, १७६
गोपालराइ दधि माँगत अरु रोटी, ९६
गोपालहि माखन खान दै, १८६
ग्वाल सखा कर जोरि कहत हैं, ३०४
ग्वालिनि जौ घर देखै आइ, १९१
ग्वालिनि! दोष लगावति जोर, २०४
घ
अनुवाद (हिन्दी)
घर गोरस जनि जाहु पराए, २०३
च
अनुवाद (हिन्दी)
चकित भई ग्वालिनि तन हेरौ, १८३
चरन गहे अँगुठा मुख मेलत, २८
चरावत बृंदाबन हरि धेनु, ३०२
चलत देखि जसुमति सुख पावै, ६६
चलत लाल पैजनि के चाइ, ७३
चलत स्यामघन राजत, ६४
चलन चहत पाइनि गोपाल, ५७
चली ब्रज घर-घरनि यह बात, १८५
चले बन धेनु चारन कान्ह, ३२२
चले सब गाइ चरावन ग्वाल, २८२
चले सब बृंदाबन समुहाइ, ३००
चित दै चितै तनय-मुख ओर, २३९
चितै धौं कमल-नैन की ओर, २४१
चोरी करत कान्ह धरि पाए, २०१
ज
अनुवाद (हिन्दी)
जननि जगावति, उठौ कन्हाई, २७६
जननी देखि, छबि बलि जाति, ३५
जननी बलि जाइ हालरु हालरौ गोपाल, ४४
जननि मथति दधि, दुहत कन्हाई, ३३०
जब तैं आँगन खेलत देख्यौ, ७५
जब दधि-मथनी टेकि अरै, ७९
जब दधि-रिपु हरि हाथ लियौ, ८०
जब मोहन कर गही मथानी, ८१
जब सब गाइ भईं इक ठाईं, ३२४
जयति नँदलाल जय जयति गोपाल, ३३४
जसुदा कहँ लौं कीजै कानि, १८७
जसुदा! तेरौं मुख हरि जोवै, २२८
जसुदा तोहिं बाँधि क्यौं आयौ, २५६
जसुदा! देखि सुत की ओर, २४०
जसुदा मदन गुपाल सोवावै, २९
जसुदा! यह न बूझि कौ काम, २४९
जसुमति कहति कान्ह मेरे प्यारे, २७०
जसुमति कान्हहि यहै सिखावति, १४४
जसुमति, किहिं यह सीख दई, २६३
जसुमति जबहिं कह्यौ अन्हवावन, १११
जसुमति दधि मथन करति, ८३
जसुमति दौरि लिऐ हरि कनियाँ, २८६
जसुमति भाग-सुहागिनी, ३६
जसुमति मन अभिलाष करै, ४०
जसुमति रिस करि-करि रजु करषै, २२४
जसुमति लै पलिका पौढ़ावति, १२१
जसोदा ऊखल बाँधे स्याम, २६१
जसोदा! एतौ कहा रिसानी, २२५
जसोदा! कान्हहु तैं दधि प्यारौ?, २६०
जसोदा, तेरौ चिरजीवहु गोपाल, ७६
जसोदा हरि पालनैं झुलावै, २०
जागहु-जागहु नंद-कुमार, २७८
जागहु लाल, ग्वाल सब टेरत, २७५
जागहु हो ब्रजराज हरी!, २७४
जागिये गुपाल लाल!, १३३
जागिए गोपाल लाल, १२६
जागियै गोपाल लाल, ३२०
जागिए, व्रजराज-कुँवर, १२४
जागौ, जागौ हो गोपाल, १२८
जागौ हो तुम नँद-कुमार!, २७३
जाहु चली अपनैं-अपनैं घर, २२७
जेंवत कान्ह नंद इकठौरे, १४६
जै गोबिंद माधव मुकुंद हरि, ३३५
जो सुख ब्रज मैं एक घरी, ३३
जौ तुम सुनहु जसोदा गोरी, १९२
झ
अनुवाद (हिन्दी)
झुनक स्याम की पैजनियाँ, ७२
ट
अनुवाद (हिन्दी)
टेरत हैं सब ग्वाल कन्हैया, २९८
ठ
अनुवाद (हिन्दी)
ठाढ़ी अजिर जसोदा अपनैं, ११२
त
अनुवाद (हिन्दी)
तनक कनक की दोहनी, २७९
तनक दै री माइ, माखन, ९९
तब तैं बाँधे ऊखल आनि, २४७
तबहिं स्याम इक बुद्धि उपाई, २६४
तुम कत गाइ चरावन जात, ३१३
तुम जागौ मेरे लाड़िले, १३०
तुव मुख देखि डरत ससि भारी, १२०
तेरी सौं सुनु-सुनु मेरी मैया!, २१९
तेरैं लाल मेरौ माखन खायौ, २१६
तेरौ भलौ हियौ है माई!, २४५
त्यौं-त्यौं मोहन नाचै ज्यौं-ज्यौं, ८५
द
अनुवाद (हिन्दी)
दधि-सुत जामे नंद-दुवार, १०२
दाऊ जू, कहि स्याम पुकारॺौ, २७७
दूरि खेलन जनि जाहु लला, १४३
देखत नंद कान्ह अति सोवत, ३१९
देखि री देखि हरि बिलखात, २४२
देखि री नंद-नंदन ओर, २४६
देखी ग्वालि जमुना जात, १९३
देखो अद्भुत अबिगत की गति, ६८
देखौ माई! कान्ह हिलकियनि रोवै, २२९
देखौ माई! बदरनि की बरियाई, ३३२
देखौ री! जसुमति बौरानी, १७५
देखौ री नँद-नंदन आवत, ३२६
दै री मैया दोहनी, दुहिहौं मैं गैया, ३२८
दोउ भैया जेंवत माँ आगैं, २९७
दोउ भैया मैया पै माँगत, ९८
द्रुम चढ़ि काहे न टेरौ कान्हा, ३२३
ध
अनुवाद (हिन्दी)
धनि गोबिंद जो गोकुल आए, २६५
धनि जसुमति बड़भागिनी, ५५
धनि-धनि नंद-जसोमति, १२
धेनु दुहत हरि देखत ग्वालनि, २७१
न
अनुवाद (हिन्दी)
नान्हरिया गोपाल लाल, ३९
नाहिनै जगाइ सकत, १२३
निरखि स्याम हलधर मुसुकाने, २६२
नैंकु गोपालहिं मोकौं दै री, २५
नैकु रहौ, माखन द्यौं तुम कौं, १००
नैकुहूँ न दरद करति, २३०
नंद-घरनि आनँद भरी, ३८
नंद-घरनि! सुत भलौ पढ़ायौ, २२२
नंद जू के बारे कान्ह, ८२
नंद-धाम खेलत हरि डोलत, ५४
नंद बुलावत हैं गोपाल, १४५
नंद महर के भावते, २९४
नंदहि कहति जसोदा रानी, १७३
न्हात नंद सुधि करी स्याम की, १५४
प
अनुवाद (हिन्दी)
पलना झूलौ मेरे लाल पियारे, ९३
पलना स्याम झुलावति जननी, २१
पाँड़े नहिं भोग लगावन पावै, १६६
पालनैं गोपाल झुलावैं, २२
पाहुनी, करि दै तनक मह्यौ, १०९
पौढ़िऐ मैं रचि सेज बिछाई, १५९
पौढ़े स्याम, जननि गुन गावत, २८९
प्रथम करी हरि माखन-चोरी, १८१
प्रात भयौ, जागौ गोपाल, १२७
प्रात समय उठि, सोवत सुत कौ, १२५
प्रात समय दधि मथति जसोदा, ८६
फ
अनुवाद (हिन्दी)
फूली फिरति ग्वालि मन मैं री, १७९
ब
अनुवाद (हिन्दी)
बन तैं आवत धेनु चराए, २८५
बन पहुँचत सुरभी लइँ जाइ, २९९
बल-मोहन दोउ करत बियारी, १४८
बल-मोहन दोऊ अलसाने, १५०
बल-मोहन बन तैं दोउ आए, ३१०
बलि-बलि जाउँ मधुर सुर गावहु, १०८
बहुत नारि सुहाग-सुंदरि, १०
बहुतै दुख हरि सोइ गयौ री, २८८
बातनिहीं सुत लाइ लियौ, १०१
बाँधौं आजु, कौन तोहि छोरै, २२६
बाबा मोकौं दुहन सिखायौ, ३२९
बार-बार जसुमति सुत बोधति, ११५
बाल गुपाल! खेलौ मेरे तात, ९२
बाल-बिनोद आँगन की डोलनि, ६१
बाल-बिनोद खरो जिय भावत, ५१
बाल-बिनोद भावती लीला, २
बिहरत गोपाल राइ, ५०
बेद-कमल-मुख परसति जननी, ९०
बोलि लियौ बलरामहि जसुमति, २९२
बोलि लेहु हलधर भैया कौं, १५७
बृंदाबन देख्यौ नँद-नंदन, २८४
बृंदाबन मोकौं अति भावत, ३०३
ब्रज घर-घर प्रगटी यह बात , १८४
ब्रज-जुबती स्यामहि उर लावतिं, २६८
ब्रज भयौ महर कैं पूत, ८
भ
अनुवाद (हिन्दी)
भावत हरि कौ बाल-बिनोद, ५९
भीतर तैं बाहर लौं आवत, ६५
भुजनि बहुत बल होइ कन्हैया, ३३३
भोर भयौ जागौ नँद-नंद, १३१
भोर भयौ जागो नँदनंदन, १५३
भोर भयौ मेरे लाड़िले, १५२
म
अनुवाद (हिन्दी)
मया करिये कृपाल, प्रतिपाल, १६९
महराने तैं पाँड़े आयौ, १६५
महरि! तुम मानौ मेरी बात, १९४
महरि तैं बड़ी कृपन है माई, २११
महरि मुदित उलटाइ कै, ३२
माई! हौं तकि लागि रही, १८८
माखन खात पराए घर कौ, २१७
माखन खात हँसत किलकत हरि, ८९
माखन बाल गोपालहि भावै, १५१
माँगि लेहु, जो भावै प्यारे, ३१४
मुख-छबि कहा कहौं बनाइ, २३४
मुख-छबि देखि हो नँद-घरनि!, २३३
मेरे लाड़िले हो! तुम जाउ न कहूँ, १९९
मेरौ गोपाल तनक, सौ, १९७
मेरौ माई! कौन कौ दधि चोरै, २०८
मैं अपनी सब गाइ चरैहौं, २८७
मैं दुहिहौं, मोहि दुहन सिखावहु, २७२
मैं देख्यौं जसुदा कौ नंदन, ७४
मैं बलि स्याम, मनोहर नैन, ५२
मैं मोही तेरैं लाल री, ७७
मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी?, १०४
मैया! बहुत बुरौ बलदाऊ, ३१२
मैया, मैं तौ चंद-खिलौना लैहौं, ११७
मैया मैं नहिं माखन खायौ, २१८
मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ, १३७
मैया, मोहि बड़ौ करि लै री, १०५
मैया री मैं चंद लहौंगौ, ११८
मैया री मोहि दाऊ टेरत, २९१
मैया री, मोहि माखन भावै, १७७
मैया! हौं गाइ चरावन जैहौं, २८१
मैया! हौं न चरैहौं गाइ, ३११
मो देखत जसुमति तेरैं ढोटा, १७२
मोहन, आउ तुम्हैं अन्हवाऊँ, ११०
मोहन काहैं न उगिलौ माटी, १७१
मोहन, मानि मनायौ मेरौ, १३८
मोहन! हौं तुम ऊपर वारी, २६६
मोहि कहतिं जुबती सब चोर, २६९
य
अनुवाद (हिन्दी)
यह सुख सुनि हरषीं ब्रजनारी, ३४
यह सुनि कै हलधर तहँ धाए, २५२
ये दोऊ मेरे गाइ-चरैया, ३१७
र
अनुवाद (हिन्दी)
रजनी-मुख बन तैं बने आवत, ३२७
राखि लियौ ब्रज नंद-किसोर, ३३१
ल
अनुवाद (हिन्दी)
लालन, वारी या मुख ऊपर, ४६
लालहि जगाइ बलि गई माता, २९५
लाल हो, ऐसी आरि न कीजै, ११४
लै लै मोहन, चंदा लै, ११९
लोगनि कहत झुकति तू बौरी, २१०
व
अनुवाद (हिन्दी)
वारौं हौं वे कर जिन हरि, २४४
वै मुरली की टेर सुनावत, ३०६
स
अनुवाद (हिन्दी)
सखा कहत हैं स्याम खिसाने, १३६
सखा सहित गए माखन-चोरी, १८२
सफल जन्म, प्रभु आजु भयौ, १६७
साँझ भई, घर आवहु प्यारे, १४७
साँवरे बलि-बलि बाल-गोबिंद, ६९
साँवरेहि बरजति क्यौं जु नहीं, १९५
सिखवति चलन जसोदा मैया, ५८
सुत-मुख देखि जसोदा फूली, ४२
सुनु री ग्वारि! कहौं इक बात, २१५
सुनहु बात मेरी बलराम!, २५८
सुनि मैया, मैं तौ पय पीवौं, ३१५
सुनि सुत, एक कथा कहौं प्यारी, १२२
सुनि-सुनि री तैं महरि जसोदा!, २२१
सूच्छम चरन चलावत बल करि, ६०
सो बल कहा भयौ भगवान?, ६७
सोभा मेरे स्यामहि पै सोहै, ९१
सोभा-सिंधु न अंत रही री, १३
सोवत नींद आइ गई स्यामहि, ३१८
सो सुख नंद भाग्य तैं पायौ, १३४
ह
अनुवाद (हिन्दी)
हरषे नंद टेरत महरि, ३१
हरि अपनैं आँगन कछु गावत, १०६
हरि आवत गाइनि के पाछे, ३०७
हरि-कर राजत माखन-रोटी, ९७
हरि किलकत जसुदा की कनियाँ, ४१
हरि किलकत जसुमति की कनियाँ, ४३
हरि के बदन तन धौं चाहि, २३२
हरि कौं टेरति है नँदरानी, १५६
हरिकौ बिमल जस गावति गोपंगना, ५६
हरि कौ मुख माइ, मोहि, ४५
हरि तब अपनी आँखि मुँदाई, १५८
हरि-मुख देखि हो नँद-नारि, २३५
हरि-मुख देखि हो बसुदेव, ३
हरि सब भाजन फोरि पराने, २१३
हरि हरि हँसत मेरौ माधैया, ७१
हलधर सौं कहि ग्वालि सुनायौ, २५१
हालरौ हलरावै माता, २३
हेरी देत चले सब बालक, ३२१
हौं इक नई बात सुनि आई, ६
हौं सखि, नई चाह इक पाई, ७
ह्वाँ लगि नैकु चलौ नँदरानी!, २२०
Misc Detail
श्रीसूरदासजीरचित