+श्री-कृष्ण-बाल-माधुरी

Misc Detail

प्रथम पृष्ठ
॥ श्रीहरिः॥
श्रीसूरदासजीरचित
श्रीकृष्णबाल-माधुरी
सरल भावार्थसहित
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देवदेव॥
अनुवादक—सुदर्शन सिंह
गीता सेवा ट्रस्ट