दशविधहेतुनिरूपण
विस्तारः (द्रष्टुं नोद्यम्)
Srinivasamakhi Vedantadesika: Dasavidhahetunirupana (part of the Vaikhanasasutratatparyacintamani)
Based on (pp. 1-122) the of the Devanāgarī-ed. by R. Parthasarathi Bhattacarya:
Śrīvaikhānasagṛhyasūtra (= DHN[D]); 2 vols., Akulamannāḍu, 1967 (reprint Tirupati, 1997/98).
Input by Ute Hüsken
सङ्क्षेपाः
अग्निपुराणम्- अग्निपुराणम्।
आपस्तम्बीयधर्मसूत्रम्- आपस्तम्बीयधर्मसूत्रम्।
आपस्तम्बगृह्यसूत्रम्- आपस्तम्बगृह्यसूत्रम्।
आनन्द-संहिता- आनन्द-संहिता।
अष्टाध्यायी- पानिनिऽस् अछ्त् ब्üछेर् ग्रम्मतिस्छेर् रेगेल्न्।
आश्वलायनगृह्यसूत्रम्- आश्वलायनगृह्यसूत्र।
अव्- अथर्वसंहिता।
भागवतपुराणम्- श्रीमद् भागवत महापुराणम्।
बौधायन-धर्म-सूत्रम्- दस् बौधायन-धर्मसूत्र।
बौधायन-गृह्य-सूत्रम्- थे बोधायन गृह्यसूत्र।
बौधायन-गृह्य-शेष-सूत्रम्- प्प्। १७७-३७६ इन् बौधायन-गृह्य-सूत्रम्।
भगवद्गीता- भगवद्गीता। स्। महाभारतम् (६.२३.१-४०.७८)।
ब्रह्म-कैवर्त-पुराणम्- श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणम्।
ब्रह्माण्ड-पुराणम्- ब्रह्माण्डपुराण ओफ़् कृष्ण द्वैपायन व्यास।
ब्रह्म-पुराणम्- सन्स्क्रित् इन्दिचेस् अन्द् तेxत् ओफ़् थे ब्रह्मपुराण।
बृहद्ब्रह्मस्- बृहद्ब्रह्मसंहिता।
छान्दोग्य-ब्राह्मणम्- छान्दोग्यब्राह्मण।
छान्दोग्योपनिषत्- ख्âन्दोजोपनिस्हद्।
दशविधहेतुनिरूपणम्[द्]: दशविधहेतुनिरूपण ब्य् श्रीनिवास दीक्षित।
दशविधहेतुनिरूपणम्[त्]: दशविधहेतुनिरूपण ब्य् श्रीनिवास दीक्षित [तेलुगु छरच्तेर्स्]
द्ह्न्व्- दशविधहेतुनिरूपणव्याख्यान
गर्भोपनिषद्- गर्भोपनिषद्।
गरुडपुराणम्- श्रीगरुडमहापुराणम्।
गौतम-धर्म-सूत्रम्- थे इन्स्तितुतेस् ओफ़् गौतम।
गोभिलीयगृह्यसूत्रम्- गोभिलीयगृह्यसूत्र।
वैखानसगृह्यपरिशिष्टसूत्रम्- वैखानसगृह्यपरिशिष्टसूत्र।
हरिवंशः- थे हरिवम्श (सुप्प्ल्। तो महाभारतम्)।
हिर्गृस्- हिरण्यकेशिगृह्यसूत्रम्।
ईश्वरसंहिता- ईश्वरसंहिता।
जयाख्यसंहिता- जयाख्यसंहिता।
कैवल्यउ- कैवल्योपनिषद्।
कपिञ्जलसंहिता- कपिञ्जलसंहिता।
काठकगृस्- थे काठकगृह्यसूत्र।
ख- खिलाधिकार (खिलतन्त्र)
खादिरगृस्- खादिरगृह्यसूत्रम्।
ज्ञानकाण्डः (काश्यपसंहिता)- ज्ञानकाण्ड (काश्यपसंहिता)।
क्र- क्रियाधिकार।
कूर्म-पुराणम्- श्री-कूर्ममहापुराणम्।
लिङ्ग-पुराणम्- लिङ्गमहापुराणम्।
महोपनिषद्- महोपनिषद्।
मनु-स्मृतिः- थे मनु स्मृति।
मनुगृस्- मानवगृह्यसूत्र ओफ़् थे मैत्रायणीय शाखा।
मर्कण्डेयप्- श्री-मार्कण्डेयमहापुराणम्।
मत्स्यप्- मत्स्यमहापुराणम्।
महाभारतम्- महाभारत।
मोप्- मोक्षोपायप्रदीपिका ब्य् रघुपतिभट्टाचार्य।
मुद्गलउ- मुद्गलोपनिषद्।
मुण्डकउ- मुण्डकोपनिषद्।
नारदप्- नारदपुराण।
नरसिंहप्- नृसिंहपुराण।
निरुक्त- [यास्क] थे निघन्तु अन्द् थे निरुक्त।
न्व्ब्- वैखानसकल्पसूत्रभाष्य (वैखानससूत्रभाष्य; वैखानसगृह्यसूत्रभाष्य)।
पद्मप्- श्री पद्ममहापुराणम्।
पाद्म-संहिता- पाद्म सम्हिता।
पारमेश्वरस्- पाञ्चरात्रान्तर्गता पारमेश्वरसंहिता।
पराशरस्- पराशर संहिता।
पार्गृस्- पारस्करगृह्यसूत्र।
पौष्करसंहिता- पाञ्चरात्रागमे रत्नत्रयान्तर्गता पौष्करसंहिता।
प्र- प्रकीर्णाधिकार।
पाञ्चरात्ररक्षा- श्री पाञ्चरात्ररक्षा।
पुरातन्त्र- पुरातन्त्र।
पूर्वप्- पूर्वप्रयोग।
राम्- थे पाद इन्देx ओफ़् थे वाल्मिकि रामायण।
Ṛव्- थे ह्य्म्न्स् ओफ़् थे रिग्-वेद इन् थे सम्हित अन्द् पद तेxत्स्।
स- समूर्तार्चनाधिकरण।
साम्बप्- साम्बपुराणम्।
सम्मयू- संस्कारमयूख।
सनत्क्स्- सनत्कुमार-संहिता ओफ़् थे पाञ्चरात्रागम।
शाङ्खायनगृस्- शाङ्खायनगृह्यसूत्र।
सनुक्र्- सूत्रानुक्रमणिका।
शतपथब्र्- थे शतपथ ब्राह्मण इन् थे काण्वीय रेचेन्सिओन्।
सात्त्वतस्- सात्वत-संहिता।
स्द्- सूत्रदर्पण (श्री-वैखानस-सूत्रदर्पण)।
स्द्च्- श्रीनिवासदीक्षितेन्द्रचरित्र।
शेषस्- शेषसंहिता - श्रीपाञ्चरात्राभिधा भगवच्छास्त्रे सकलसंहितासारभूता शेषसंहिता।
स्कन्दप्- थे स्कन्दपुराण।
श्रीप्रश्नस्- श्रीप्रश्न सम्हिता।
स्र्-वृत्ति- प्रयोगवृत्ति।
सुप्रभेदागमः- [सुप्रभेदागम] सुप्रपेताकमम्।
श्वेतु- श्वेताश्वतरोपनिषद्।
स्य्-न्- निबन्धन।
ता- तैत्तिरीयारण्यकम्।
त्ब्- थे तैत्तिरीय ब्राह्मण ओफ़् थे ब्लच्क् यजुर् वेद।
तात्पर्यचिन्तामणिः- तात्पर्यचिन्तामणि।
त्स्- थे तैत्तिरीय संहिता ओफ़् थे ब्लच्क् यजुर्वेद।
व- वासाधिकार (वासनाधिकार)।
वैक्स्म्स्- वैखानसस्मार्तसूत्र।
वराह-पुराणम्- श्री वराहपुराणम्।
वासिष्ठध्श्- वासिष्ठधर्मशास्त्र।
विष्णुधर्मः- विष्णुधर्मः।
विष्णुधर्मोत्तरप्- श्रीविष्णुधर्मोत्तरपुराणम्।
विष्णु-पुराणम्- श्रीविष्णुमहापुराणम्।
विष्णुस्मृति- विष्णुस्मृतिः।
विष्वक्सेन-संहिता- विष्वक्सेन संहिता।
विश्वमित्रस्- विश्वामित्रसंहिता।
विवाहप्- विवाहप्रयोग।
व्क्- विमानार्चनकल्प (वैखानसागम, मरीचिसंहिता)।
व्म्म्- वैखानसमहिममञ्जरी।
व्म्प्- वैखानसमन्त्रप्रश्न (वैखानससंहिता)।
वृद्धहारीत- वृद्धहारीतस्मृति।
व्य्-वृत्ति- वृत्ति देस् वसन्तयाजिन्।
य- यज्ञाधिकार
याज्ञवल्क्यध्श्- याज्नवल्क्य स्मृति।
विस्तारः (द्रष्टुं नोद्यम्)
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