०७ प्रसंगानुक्रमणिका

प्रथम सोपान बालकाण्ड

प्रथम सोपान बालकाण्ड

क्रम० सं० प्रसंग दोहा/चौपाई पृष्ठ संख्या

१. रामचरित सर कहेसि बखानी प्रारम्भ से १२४ तक १

२. पुनि नारद कर मोह अपारा १२४/१-१३८ ११३

३. बहुरि कहेसि रावन अवतारा १३९/१-१४० १२४

४. प्रभु अवतार कथा पुनि गाई १४१/१-१५२ १२५

५. तब शिशु चरित कहेसि मन लाई १९३/१-२०२ १६५

६. बालचरित कहि बिबिध बिधि मन महँ परम उछाह २०३/१-२०४ १७३

७. ऋषि आगमन कहेसि पुनि २०६/१-२११ १७५

८. श्रीरघुबीरविवाह २१२/१-३६१ १८२

द्वितीय सोपान अयोध्याकाण्ड

द्वितीय सोपान अयोध्याकाण्ड

९. बहुरि राम अभिषेक प्रसंगा प्रारम्भ से ११/५ तक ३०५

१०. पुनि नृप बचन राज रस भंगा ११/६-४६/५ ३१५

११. पुरबासिन कर बिरह बिषादा ४६/६-६९ ३४२

१२. कहेसि राम लक्षिमन संबादा ७०/१-७५ ३६२

१३. बिपिन गमन ७६/१-८७ ३६६

१४. केवट अनुरागा ८८/१-१०२ ३७५

१५. सुरसरि उतरि निवासा प्रयागा १०३/१-१०८ ३८६

१६. बाल्मिीकि प्रभु मिलन बखाना १०९/१-१३२ ३९०

१७. चित्रकूट जिमि बसे भगवाना १३३/-१४२/३ ४१०

१८. सचिवागमन नगर १४२/४-१४८ ४१७

१९. नृप मरना १४९/१-१५६ ४२२

२०. भरतागमन १५७/१-१५९/३ ४२८

२१. प्रेम बहु बरना १४९/४-१६१ ४३०

२२. करि नृप क्रिया १७०/१-१७१/१ ४३८

२३. संग पुरबासी। भरत गए जहँ प्रभु सुखरासी १७१/२-२५२/७ ४३८

२४. पुनि रघुपति बहुबिधि समुझाए २५२/८-३१६/१ ५०७

२५. लै पादुका अवधपुर आए ३१६/२-३२२-५ ५५८

(xxxviii)

२६. भरत रहनि ३२२/६-३२६ ५६३

तृतीय सोपान अरण्यकाण्ड

तृतीय सोपान अरण्यकाण्ड

२७. सुरपति सुत करनी प्रारम्भ से २ तक ५६७

२८. प्रभु अरु अत्रि भेंट पुनि बरनी ३/१-६ ख ५७१

२९. कहि बिराध बध ७/१-७/७ ५७७

३०. जेहि बिधि देह तजि शरभंग ७/८-९/४ ५७८

३१. बरनि सुतीक्षन प्रीति ९/४-११ ५७९

३२. पुनि प्रभु अगस्त्य कर संग १२/१-१३/२४ ५८४

३३. कहि दंडकबन पावनताई १३/१५-१३/२१ ५८५

३४. गीध मयित्री पुनि तेहि गाई १३वॉ दोहा मात्र ५८६

३५. पुनि प्रभु पंचवटी कृतवासा। भंजी सकल मुनिन की त्रासा। १४/१-१४/४ ५८६

३६. पुनि लक्षिमन उपदेश अनूपा १४/५-१७/२ ५८७

३७. सूपनखा जिमि कीन्ह कुरूपा १७/१३-१७ ५९१

३८. खर दूषन बध बहुरि बखाना १८/९-२१/४ ५९३

३९. जिमि सब मरम दशानन जाना २१/५-२४/५ ५९७

४०. दशकन्धर मारीच बतकही। जेहि बिधि भई सो सब तेहिं कहीं॥ २४/६-२६ ६०१

४१. पुनि माया सीता कर हरना २७/१-३२ख ६०४

४२. श्री रघुबीर बिरह कछु बरना ३२/१-३२/१९ ६११

४३. पुनि प्रभु गीध किया जिमि कीन्ही ३२-३५/३ ६१३

४४. बधि कबंध शबरिहिं गति दीन्ही ३५/४-३८ ६१५

४५. बहुरि बिरह बरनत रघुबीरा। जेहि बिधि गये सरोवर तीरा॥ ३९/१-४३/४ ६१९

४६. प्रभु नारद संबाद कहि ४३/५-४८/६२३

चतुर्थ सोपान किष्किन्धाकाण्ड

चतुर्थ सोपान किष्किन्धाकाण्ड

४७. मारुति मिलन प्रसंग प्रारम्भ से ४/१ तक ६२८

४८. पुनि सुग्रीव मिताई ४/२-५/८ ६३४

४९. बालिप्रान कर भंग ६-११/१० ६३७

५०. कपिहिं तिलक करि प्रभुकृत शैल प्रबरषन बास ११/११-१३/७ ६४३

५१. बरनत वर्षा शरद अरु १३/८-१७ ६४४

५२. राम रोष १८/१-१८ ६४८

५३. कपि त्रास १९/१-२१/८ ६४९

(xxxix)

जेहि बिधि कपिपति कीस पठाए सीता खोज सकल दिशि धाए बिबर प्रबेश कीन्ह जेहि भाँति कपिन बहोरि मिला संपाति सुनि सब कथा समीर कुमारा

२१-२३/७ २३/८-२४/२ २४/३-२५ २७/१-२८/११ २८/१२-३० ख

६५०

६५३

६५३

६५६

६५७

पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड

पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड

५९. __नाघत भयउ पयोधि अपारा लंका कपि प्रबेश जिमि कीन्हा पुनि सीतहिं धीरज जिमि दीन्हा बन उजारि रावनहिं प्रबोधी पुर दहि नाघेउ बहुरि पयोधी आए कपि सब जहँ रघुराई बैदेही की कुशल सुनाई सेन समेत जथा रघुबीरा। उतरे जाइ बारिनिधि तीरा॥ मिला बिभीषन जेहि बिधि आई सागर निग्रह कथा सुनाई

प्रारम्भ से ३/५ तक ३/६-८/२ १२/४-१७/७ १७/८-२०/४ २१/४-२४/४ २५/४-२६/८ २८/६-२९ ३०/१-३४/८ ३४/९-३५ ३८/१-४९ख ५०/६-६०

६६५

६७४

६७८

६८१

६८४

६८६

६८८

६९२

६९६

७०६

षष्ठ सोपान युद्धकाण्ड

षष्ठ सोपान युद्धकाण्ड

७ __सेतु बाँधि कपि सेन जिमि उतरी सागर पार गयउ बसीठी बीरबर, जेहि बिधि बालिकुमार निशिचर कीस लराई बरनिसि बिविध प्रकार कुंभकरन बल पौरुष संहार घननाद कर बल पौरुष संहार निशिचर निकर मरन बिधि नाना रघुपति रावन समर बखाना रावन बध मंदोदरि शोका राज विभीषन देव अशोका सीता रघुपति मिलन बहोरी सुरन कीन्ह अस्तुति कर जोरी पुनि पुष्पक चढि़ कपिन समेता। अबध चले प्रभु कृपा निकेता॥

प्रारम्भ से १६ख तक १७/१-३८ख ३९/१-६२/४ ६२/५-७२/५ ७२/६-७८/२ ७८/३-८९/९ ८९-९८ ९९/१-१०५ १०६/१-१०६ १०७/१-१०१ख ११०/१-११५ ११७/३-१२१ख

७३१

७५२

७७२

७८०

७८६

७९७

८०९

८१८

८२३

(xl)

सप्तम सोपान उत्तरकारण्ड

८२. जेहि बिधि राम नगर निज आए। बायस बिशदि चरित सब गाए॥ प्रारम्भ से १०/३ तक ८३६

८३. कहेसि बहोरि राम अभिषेका १०/४-२३ ८५०

८४. पुर बरनत नृप नीति अनेका २४/१-५२ख ८६४

परिशिष्ट

परिशिष्ट

१. श्रीभुषुण्डी गीता ७/५३/१ से १३० ख तक ८८८

★ ★ ★ ★ ★